मानव  

मानव  

यदि मानव  दानव  बन जाता  है,
तो ये उसकी  हार  है,
यदि मानव महामानव बन जाता है,
तो ये  चमत्कार  है, 
यदि मनुष्य  मानव  बन जाता है,
तो ये उसके जीत है |

Sarvepalli Radhakrishnan

मानवता

मानवता

हमें मानवता को उन नैतिक,
जड़ों तक वापस ले जाना चाहिए,
जहाँ से अनुशाशन और स्वतंत्रता,
दोनों का उद्गम हो |

Sarvepalli Radhakrishnan

पुस्तकें

पुस्तकें

पुस्तकें वो साधन हैं,
जिनके माध्यम से,
हम विभिन्न संस्कृतियों, 
के बीच पुल का निर्माण,
कर सकते हैं |

Sarvepalli Radhakrishnan

निर्मल मन

निर्मल मन

केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन,
के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है,
स्वयं के साथ ईमानदारी आध्यात्मिक,
अखंडता की अनिवार्यता है |

Sarvepalli Radhakrishnan

 उन लोगों की

उन लोगों की

भगवान् की पूजा नहीं होती,
बल्कि उन लोगों की पूजा होती है,
जो उनके के नाम पर बोलने का दावा करते हैं,
पाप पवित्रता का उल्लंघन नहीं, 
ऐसे लोगों की आज्ञा का उल्लंघन बन जाता है |

Sarvepalli Radhakrishnan